श्लोक - १२८४

श्लोक 1284
श्लोक #१२८४
वियुज्य तं प्रिय गन्तुमैच्छमादौ सखि प्रिये ! ।
मन्मनस्तत्त विस्मृत्य रन्तुं तेन सहागमत् ॥

Tamil Transliteration
Ootarkan Sendrenman Thozhi Adhumarandhu
Kootarkan Sendradhu En Nenju.

Sectionभाग–३: काम-काण्ड
Chapter Groupअध्याय 121 to 133
chapterसंभोगत्वरा