श्लोक - १२७०
भग्रचित्ता कामुकी सा जीवितान्तं व्रजेद्यदि ।
प्रियागमेन नो लाभ: संश्लेषो वा भवेत् कथम्? ॥
Tamil Transliteration
Perinennaam Petrakkaal Ennaam Urinennaam
Ullam Utaindhukkak Kaal.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | कामुकयोरन्योन्यव्यसनम् |