श्लोक - १२३
ज्ञातव्यं तत्वतो ज्ञात्वा संयमी यो भवेन्नर: ।
महात्मनां गुणाज्ञानां कृपया स सुखी वसेत् ॥
Tamil Transliteration
Serivarindhu Seermai Payakkum Arivarindhu
Aatrin Atangap Perin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | निग्रहशीलता |