श्लोक - १२३५
स्कन्धौ विभ्रष्टवलयौ हीनशोभौ तथाविमौ ।
निर्दयस्य प्रियस्यास्य काठिन्यगुणमूचतु: ॥
Tamil Transliteration
Kotiyaar Kotumai Uraikkum Thotiyotu
Tholkavin Vaatiya Thol.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | अवयवसौन्दर्यहानि: |