श्लोक - १२३१
वियोगखेदं दत्वा मे दूरदेशं ययौ प्रिय: ।
तं स्मृत्वा रोदनान्नेत्रे पुष्पै: स्यातां जितेऽधुना ॥
Tamil Transliteration
Sirumai Namakkozhiyach Chetchendraar Ulli
Narumalar Naanina Kan.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | अवयवसौन्दर्यहानि: |