श्लोक - ११९८
स्वानुरक्तप्रियेणोक्तमश्रुत्वा मधुरं वच: ।
वियुज्य भुवि जीवन्त्यो भवन्ति क्लेशभाजनम् ॥
Tamil Transliteration
Veezhvaarin Insol Peraaadhu Ulakaththu
Vaazhvaarin Vankanaar Il.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | वियोगव्यसनाधिक्यम् |