श्लोक - ११७७

प्रेम्णा सहर्ष ये नेत्रे प्रियं पूर्वमपश्यताम् ।
निर्निद्रे तेऽद्य खेदेन स्यातामश्रुविवर्जिते ॥
Tamil Transliteration
Uzhandhuzhan Thulneer Aruka Vizhaindhizhaindhu
Venti Avarkkanta Kan.
| Section | भाग–३: काम-काण्ड |
|---|---|
| Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
| chapter | नायकदिदृक्षामृलकखेद: |