श्लोक - ११७०
प्रियसामीप्यगमनशक्तिर्नेत्रस्य चित्तवत् ।
यदि स्यात् तर्हि मन्नेत्रे न स्यातां सलिलाकुले ॥
Tamil Transliteration
Ullampondru Ulvazhich Chelkirpin Vellaneer
Neendhala Mannoen Kan.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | वियोगदु:खानुभव: |