श्लोक - ११६
हृदयं पक्षपातेन यदि पापं विचिन्तयेत् ।
तदुत्पात इति ज्ञेयं भाविनाशस्य मूचकम् ॥
Tamil Transliteration
Ketuvalyaan Enpadhu Arikadhan Nenjam
Natuvoreei Alla Seyin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | ताटस्थ्यम् |