श्लोक - ११६५
सुखप्रदायां मैत्र्यां ये दु:खोत्पादनतत्परा: ।
खेदप्रदविरोधस्य निरासे ते कथं क्षमा: ॥
Tamil Transliteration
Thuppin Evanaavar Mankol Thuyarvaravu
Natpinul Aatru Pavar.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | वियोगदु:खानुभव: |