श्लोक - ११५३
स्याद्वियोग: क्कचित साकं विश्वस्तेन प्रियेण च ।
तस्मात् प्रियेण रचितां प्रतिज्ञां नैव विश्वसेत्॥
Tamil Transliteration
Aridharo Thetram Arivutaiyaar Kannum
Pirivo Ritaththunmai Yaan.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | वियोगसहनम् |