श्लोक - १११२
निकदृश्ग्टकुसुमसाम्यमस्यास्तु नेत्रयो: ।
वस्तीति किं धिया चित्त! दृष्ट्वा पुष्पाणि मुह्यसि ॥
Tamil Transliteration
Malarkaanin Maiyaaththi Nenje Ivalkan
Palarkaanum Poovokkum Endru.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 109to 120 |
chapter | लावण्यमहिमा |