श्लोक - ११११
सुमेषु मृदु त्व हि शिराष! विजया मव ।
वत्तोऽपि मार्दवयुता मत्प्रिया, गर्वमुत्सृज ॥
Tamil Transliteration
Nanneerai Vaazhi Anichchame Ninninum
Menneeral Yaamveezh Paval.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 109to 120 |
chapter | लावण्यमहिमा |