श्लोक - १०८६
भ्ररस्यास्त्वार्जवं प्राप्य वक्रतां यदि मुञ्चति ।
तस्यास्तदा दृष्टिपातं सा नूनं मयि वारयेत् ॥
Tamil Transliteration
Kotumpuruvam Kotaa Maraippin Natungagnar
Seyyala Manival Kan.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 109to 120 |
chapter | दर्शनंवितर्कश्च तिरुक्कुरळ् |