श्लोक - १०८५
किं वान्तक: किमु मृगी किन्तु स्यान्नेत्रमेव वा ।
त्रयाणामपि सदृश्यं दृष्टयामस्यास्तु दृश्यते ॥
Tamil Transliteration
Kootramo Kanno Pinaiyo Matavaral
Nokkamim Moondrum Utaiththu.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 109to 120 |
chapter | दर्शनंवितर्कश्च तिरुक्कुरळ् |