श्लोक - १०७८
दु:खश्रवणमात्रेण सन्त: स्युरुपकारिण: ।
नीचा: स्युरिक्षुवत्पिष्टा भवन्ति सहकारिण: ॥
Tamil Transliteration
Sollap Payanpatuvar Saandror Karumpupol
Kollap Payanpatum Keezh.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | नीचत्वम् |