श्लोक - १०६०

श्लोक 1060
श्लोक #१०६०
अर्थिभिर्विजितक्रोधैर्भाव्यं क्षेमार्थिभि: सदा ।
दारिद्र्यं स्वगतं स्वस्य भवेद् ज्ञानप्रदायकम् ॥

Tamil Transliteration
Irappaan Vekulaamai Ventum Nirappitumpai
Thaaneyum Saalum Kari.

Sectionभाग–२: अर्थ-काण्ड
Chapter Groupअध्याय 101 to 108
chapterयाचना