श्लोक - १०२४
स्वकुलौन्नत्यसिद्धयर्थं त्वरया यततां नृणाम् ।
विमर्शमन्तरा कार्यं निर्विघ्नं सेत्स्यति क्षणे ॥
Tamil Transliteration
Soozhaamal Thaane Mutiveydhum Thamkutiyaith
Thaazhaadhu Ugnatru Pavarkku.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | कुलगौरवरक्षणम् |