Kural - ८०१
आपल्या मित्राने आपल्याशी कितीही स्वातंत्र्य घेतले तरी जर आपण रागवणार नसू तरच ती खरी मैत्री.
Tamil Transliteration
Pazhaimai Enappatuvadhu Yaadhenin Yaadhum
Kizhamaiyaik Keezhndhitaa Natpu.
Section | भाग दुसरा: अर्थ |
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Chapter Group | सर्ग 101 to 108 |
chapter | जीवश्च कंठश्च |