श्लोक - ८१२
पा या खो कर क्या हुआ, अयोग्य का सौहार्द ।
जो मैत्री कर स्वार्थवश, तज दे जब नहिं स्वार्थ ॥
Tamil Transliteration
Urinnattu Arinoruum Oppilaar Kenmai
Perinum Izhappinum En?.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | बुरी मैत्री |