श्लोक - ८११

श्लोक 811
श्लोक #८११
यद्यपि अतिशय मित्र सम, दिखते हैं गुणहीन ।
बढ़ने से वह मित्रता, अच्छा यदि हो क्षीण ॥

Tamil Transliteration
Parukuvaar Polinum Panpilaar Kenmai
Perukalir Kundral Inidhu.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterबुरी मैत्री