श्लोक - ६५८
वर्ज किये बिन वर्ज्य सब, जो करता दुष्कर्म ।
कार्य-पूर्ति ही क्यों न हो, पीड़ा दें वे कर्म ॥
Tamil Transliteration
Katindha Katindhoraar Seydhaarkku Avaidhaam
Mutindhaalum Peezhai Tharum.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | कर्म- शुद्धि |