श्लोक - ६५७
दोष वहन कर प्राप्त जो, सज्जन को ऐश्वर्य ।
उससे अति दारिद्रय ही, सहना उसको वर्य ॥
Tamil Transliteration
Pazhimalaindhu Eydhiya Aakkaththin Saandror
Kazhinal Kurave Thalai.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | कर्म- शुद्धि |