श्लोक - ५३
गृहिणी रही सुधर्मिणी, तो क्या रहा अभाव ।
गृहिणी नहीं सुधर्मिणी, किसका नहीं अभाव ॥
Tamil Transliteration
Illadhen Illaval Maanpaanaal Ulladhen
Illaval Maanaak Katai?.
Section | धर्म- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 011 to 020 |
chapter | सहधर्मिणो |