श्लोक - १६
बिना हुए आकाश से, रिमझिम रिमझिम वृष्टि ।
हरि भरी तृण नोक भी, आयेगी नहीं दृष्टि ॥
Tamil Transliteration
Visumpin Thuliveezhin Allaalmar Raange
Pasumpul Thalaikaanpu Aridhu.
Section | धर्म- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 001 to 010 |
chapter | वर्षा- महत्व |