श्लोक - ९०१

श्लोक 901
श्लोक #९०१
स्त्री पर जो आसक्त हैं, उनको मिले न धर्म ।
अर्थार्थी के हित रहा, घृणित वस्तु वह कर्म ॥

Tamil Transliteration
Manaivizhaivaar Maanpayan Eydhaar Vinaivizhaiyaar
Ventaap Porulum Adhu.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterस्त्री- वश होना