वाक्- पटुत्व

Verses

श्लोक #६४१
वाक्‌- शक्ति की संपदा, है मंत्री को श्रेष्ठ ।
उनके अन्तर्गत नहीं, जो गुण अन्य यथेष्ट ॥

Tamil Transliteration
Naanalam Ennum Nalanutaimai Annalam
Yaanalaththu Ulladhooum Andru.

Explanations
श्लोक #६४२
अपनी वाणी ही रही, लाभ- हानि का मूल ।
इससे रहना सजग़ हो, न हो बोलते भूल ॥

Tamil Transliteration
Aakkamung Ketum Adhanaal Varudhalaal
Kaaththompal Sollinkat Sorvu.

Explanations
श्लोक #६४३
जो सुनते वश में पडे, भाषण वही समर्थ ।
वे भी जो सुनते नहीं, चाहें गुण के अर्थ ॥

Tamil Transliteration
Kettaarp Pinikkum Thakaiyavaaik Kelaarum
Vetpa Mozhivadhaam Sol.

Explanations
श्लोक #६४४
शक्ति समझ कर चाहिये, करना शब्द प्रयोग ।
इससे बढ़ कर है नहीं, धर्म अर्थ का योग ॥

Tamil Transliteration
Thiranarindhu Solluka Sollai Aranum
Porulum Adhaninooungu Il.

Explanations
श्लोक #६४५
बात बताना जान यह, अन्य न कोई बात ।
ऐसी जो उस बात को, कर सकती है मात ॥

Tamil Transliteration
Solluka Sollaip Piridhorsol Achchollai
Vellunjol Inmai Arindhu.

Explanations
श्लोक #६४६
सारग्रहण पर-वचन का, स्वयं करे प्रिय बात ।
निर्मल गुणयुत सचिव में, है यह गुण विख्यात ॥

Tamil Transliteration
Vetpaththaanj Chollip Pirarsol Payankotal
Maatchiyin Maasatraar Kol.

Explanations
श्लोक #६४७
भाषण-पटु, निर्भय तथा, रहता जो अश्रान्त ।
उसपर जय प्रतिवाद में, पाना कठिन नितान्त ॥

Tamil Transliteration
Solalvallan Sorvilan Anjaan Avanai
Ikalvellal Yaarkkum Aridhu.

Explanations
श्लोक #६४८
भाषण- पटु जो ढंग से, करता मीठी बात ।
यदि पाये तो जगत झट, माने उसकी बात ॥

Tamil Transliteration
Viraindhu Thozhilketkum Gnaalam Nirandhinidhu
Solludhal Vallaarp Perin.

Explanations
श्लोक #६४९
थोडे बचन दोष रहित, कहने में असमर्थ ।
निश्चय वे हैं चाहते, बहुत बोलना व्यर्थ ॥

Tamil Transliteration
Palasollak Kaamuruvar Mandramaa Satra
Silasollal Thetraa Thavar.

Explanations
श्लोक #६५०
पठित ग्रन्थ व्याख्या सहित, प्रवचन में असमर्थ ।
खिला किन्तु खुशबू रहित, पुष्य-गुच्छ सम व्यर्थ ॥

Tamil Transliteration
Inaruzhththum Naaraa Malaranaiyar Katradhu
Unara Viriththuraiyaa Thaar.

Explanations
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