श्लोक - ६४२
अपनी वाणी ही रही, लाभ- हानि का मूल ।
इससे रहना सजग़ हो, न हो बोलते भूल ॥
Tamil Transliteration
Aakkamung Ketum Adhanaal Varudhalaal
Kaaththompal Sollinkat Sorvu.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | वाक्- पटुत्व |