वंशोत्कर्ष- विधान

Verses

श्लोक #१०२१
‘हाथ न खींचूँ कर्म से, जो कुल हित कर्तव्य ।
इसके सम नहिं श्रेष्ठता, यों है जो मन्तव्य ॥

Tamil Transliteration
Karumam Seyaoruvan Kaidhooven Ennum
Perumaiyin Peetutaiyadhu Il.

Explanations
श्लोक #१०२२
सत् प्रयत्न गंभीर मति, ये दोनों ही अंश ।
क्रियाशील जब हैं सतत, उन्नत होता वंश ॥

Tamil Transliteration
Aalvinaiyum Aandra Arivum Enairantin
Neelvinaiyaal Neelum Kuti.

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श्लोक #१०२३
‘कुल को अन्नत में करूँ’, कहता है दृढ बात ।
तो आगे बढ़ कमर कस, दैव बँटावे हाथ ॥

Tamil Transliteration
Kutiseyval Ennum Oruvarkuth Theyvam
Matidhatruth Thaanmun Thurum.

Explanations
श्लोक #१०२४
कुल हित जो अविलम्ब ही, हैं प्रयत्न में चूर ।
अनजाने ही यत्न वह, बने सफलता पूर ॥

Tamil Transliteration
Soozhaamal Thaane Mutiveydhum Thamkutiyaith
Thaazhaadhu Ugnatru Pavarkku.

Explanations
श्लोक #१०२५
कुल अन्नति हित दोष बिन, जिसका है आचार ।
बन्धु बनाने को उसे, घेर रहा संसार ॥

Tamil Transliteration
Kutram Ilanaaik Kutiseydhu Vaazhvaanaich
Chutramaach Chutrum Ulaku.

Explanations
श्लोक #१०२६
स्वयं जनित निज वंश का, परिपालन का मान ।
अपनाना है मनुज को, उत्तम पौरुष जान ॥

Tamil Transliteration
Nallaanmai Enpadhu Oruvarkuth Thaanpirandha
Illaanmai Aakkik Kolal.

Explanations
श्लोक #१०२७
महावीर रणक्षेत्र में, ज्यों हैं जिम्मेदार ।
त्यों है सुयोग्य व्यक्ति पर, निज कुटुंब का भार ॥

Tamil Transliteration
Amarakaththu Vankannar Polath Thamarakaththum
Aatruvaar Metre Porai.

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श्लोक #१०२८
कुल-पालक का है नहीं, कोई अवसर खास ।
आलसवश मानी बने, तो होता है नाश ॥

Tamil Transliteration
Kutiseyvaark Killai Paruvam Matiseydhu
Maanang Karudhak Ketum.

Explanations
श्लोक #१०२९
जो होने देता नहीं, निज कुटुंब में दोष ।
उसका बने शरीर क्या, दुख-दर्दों का कोष ॥

Tamil Transliteration
Itumpaikke Kolkalam Kollo Kutumpaththaik
Kutra Maraippaan Utampu.

Explanations
श्लोक #१०३०
योग्य व्यक्ति कुल में नहीं, जो थामेगा टेक ।
जड़ में विपदा काटते, गिर जाये कुल नेक ॥

Tamil Transliteration
Itukkankaal Kondrita Veezhum Atuththoondrum
Nallaal Ilaadha Kuti.

Explanations
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