लज्जा शोलता

Verses

श्लोक #१०११
लज्जित होना कर्म से, लज्जा रही बतौर ।
सुमुखी कुलांगना-सुलभ, लज्जा है कुछ और ॥

Tamil Transliteration
Karumaththaal Naanudhal Naanun Thirunudhal
Nallavar Naanup Pira.

Explanations
श्लोक #१०१२
अन्न वस्त्र इत्यादि हैं, सब के लिये समान ।
सज्जन की है श्रेष्ठता, होना लज्जावान ॥

Tamil Transliteration
Oonutai Echcham Uyirkkellaam Veralla
Naanutaimai Maandhar Sirappu.

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श्लोक #१०१३
सभी प्राणियों के लिये, आश्रय तो है देह ।
रखती है गुण-पूर्णता, लज्जा का शुभ गेह ॥

Tamil Transliteration
Oonaik Kuriththa Uyirellaam Naanennum
Nanmai Kuriththadhu Saalpu.

Explanations
श्लोक #१०१४
भूषण महानुभाव का, क्या नहिं लज्जा-भाव ।
उसके बिन गंभीर गति, क्या नहिं रोग-तनाव ॥

Tamil Transliteration
Aniandro Naanutaimai Saandrorkku Aqdhindrel
Piniandro Peetu Natai.

Explanations
श्लोक #१०१५
लज्जित है, जो देख निज, तथा पराया दोष ।
उनको कहता है जगत, ‘यह लज्जा का कोष’ ॥

Tamil Transliteration
Pirarpazhiyum Thampazhiyum Naanuvaar Naanukku
Uraipadhi Ennum Ulaku.

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श्लोक #१०१६
लज्जा को घेरा किये, बिना सुरक्षण-योग ।
चाहेंगे नहिं श्रेष्ठ जन, विस्तृत जग का भोग ॥

Tamil Transliteration
Naanveli Kollaadhu Manno Viyangnaalam
Penalar Melaa Yavar.

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श्लोक #१०१७
लज्जा-पालक त्याग दें, लज्जा के हित प्राण ।
लज्जा को छोड़ें नहीं, रक्षित रखने जान ॥

Tamil Transliteration
Naanaal Uyiraith Thurappar Uyirpporuttaal
Naandhuravaar Naanaal Pavar.

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श्लोक #१०१८
अन्यों को लज्जित करे, करते ऐसे कर्म ।
उससे खुद लज्जित नहीं, तो लज्जित हो धर्म ॥

Tamil Transliteration
Pirarnaanath Thakkadhu Thaannaanaa Naayin
Aramnaanath Thakkadhu Utaiththu.

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श्लोक #१०१९
यदि चूके सिद्धान्त से, तो होगा कुल नष्ट ।
स्थाई हो निर्लज्जता, तो हों सब गुण नष्ट ॥

Tamil Transliteration
Kulanjutum Kolkai Pizhaippin Nalanjutum
Naaninmai Nindrak Katai.

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श्लोक #१०२०
कठपुथली में सूत्र से, है जीवन-आभास ।
त्यों है लज्जाहीन में, चैतन्य का निवास ॥

Tamil Transliteration
Naanakath Thillaar Iyakkam Marappaavai
Naanaal Uyirmarutti Atru.

Explanations
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