मान का आनन्द

Verses

श्लोक #१३२१
यद्यपि उनकी भूल नहिं, उनका प्रणय-विधान ।
प्रेरित करता है मुझे, करने के हित मान ॥

Tamil Transliteration
Illai Thavaravarkku Aayinum Ootudhal
Valladhu Avaralikku Maaru.

Explanations
श्लोक #१३२२
मान जनित लघु दुःख से, यद्यपि प्रिय का प्रेम ।
मुरझा जाता है ज़रा, फिर भी पाता क्षेम ॥

Tamil Transliteration
Ootalin Thondrum Sirudhuni Nallali
Vaatinum Paatu Perum.

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श्लोक #१३२३
मिट्‍टी-पानी मिलन सम, जिस प्रिय का संपर्क ।
उनसे होते कलह से, बढ़ कर है क्या स्वर्ग ॥

Tamil Transliteration
Pulaththalin Puththelnaatu Unto Nilaththotu
Neeriyain Thannaar Akaththu.

Explanations
श्लोक #१३२४
मिलन साध्य कर, बिछुड़ने, देता नहिं जो मान ।
उससे आविर्भूत हो, हृत्स्फोटक सामान ॥

Tamil Transliteration
Pulli Vitaaap Pulaviyul Thondrumen
Ullam Utaikkum Patai.

Explanations
श्लोक #१३२५
यद्यपि प्रिय निर्दोष है, मृदुल प्रिया का स्कंध ।
छूट रहे जब मिलन से, तब है इक आनन्द ॥

Tamil Transliteration
Thavarilar Aayinum Thaamveezhvaar Mendrol
Akaralin Aangon Rutaiththu.

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श्लोक #१३२६
खाने से, खाया हुआ, पचना सुखकर जान ।
काम-भोग हित मिलन से, अधिक सुखद है मान ॥

Tamil Transliteration
Unalinum Untadhu Aralinidhu Kaamam
Punardhalin Ootal Inidhu.

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श्लोक #१३२७
प्रणय-कलह में जो विजित, उसे रहा जय योग ।
वह तो जाना जायगा, जब होगा संयोग ॥

Tamil Transliteration
Ootalil Thotravar Vendraar Adhumannum
Kootalir Kaanap Patum.

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श्लोक #१३२८
स्वेद-जनक सुललाट पर, मिलन जन्य आनन्द ।
प्रणय-कलह कर क्या मिले, फिर वह हमें अमन्द ॥

Tamil Transliteration
Ootip Perukuvam Kollo Nudhalveyarppak
Kootalil Thondriya Uppu.

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श्लोक #१३२९
रत्नाभरण सजी प्रिया, करे और भी मान ।
करें मनौती हम यथा, बढ़े रात्रि का मान ॥

Tamil Transliteration
Ootuka Manno Oliyizhai Yaamirappa
Neetuka Manno Iraa.

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श्लोक #१३३०
रहा काम का मधुर रस, प्रणय-कलह अवगाह ।
फिर उसका है मधुर रस, मधुर मिलन सोत्साह ॥

Tamil Transliteration
Ootudhal Kaamaththirku Inpam Adharkinpam
Kooti Muyangap Perin.

Explanations
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