श्लोक - १३२२

मान जनित लघु दुःख से, यद्यपि प्रिय का प्रेम ।
मुरझा जाता है ज़रा, फिर भी पाता क्षेम ॥
Tamil Transliteration
Ootalin Thondrum Sirudhuni Nallali
Vaatinum Paatu Perum.
| Section | काम- कांड |
|---|---|
| Chapter Group | अध्याय 121 to 13 |
| chapter | मान का आनन्द |