श्लोक - १३३०

रहा काम का मधुर रस, प्रणय-कलह अवगाह ।
फिर उसका है मधुर रस, मधुर मिलन सोत्साह ॥
Tamil Transliteration
Ootudhal Kaamaththirku Inpam Adharkinpam
Kooti Muyangap Perin.
| Section | काम- कांड |
|---|---|
| Chapter Group | अध्याय 121 to 13 |
| chapter | मान का आनन्द |