दया- दृष्टि

Verses

श्लोक #५७१
करुणा रूपी सोहती, सुषमा रही अपार ।
नृप में उसके राजते, टिकता है संसार ॥

Tamil Transliteration
Kannottam Ennum Kazhiperung Kaarikai
Unmaiyaan Untiv Vulaku.

Explanations
श्लोक #५७२
करुणा से है चल रहा, सांसारिक व्यवहार ।
जो नर उससे रहित है, केवल भू का भार ॥

Tamil Transliteration
Kannottath Thulladhu Ulakiyal Aqdhilaar
Unmai Nilakkup Porai.

Explanations
श्लोक #५७३
मेल न हो तो गान से, तान करे क्या काम ।
दया न हो तो दृष्टि में, दृग आये क्या काम ॥

Tamil Transliteration
Panennaam Paatarku Iyaipindrel Kanennaam
Kannottam Illaadha Kan.

Explanations
श्लोक #५७४
करुणा कलित नयन नहीं, समुचित सीमाबद्ध ।
तो क्या आवें काम वे, मुख से रह संबन्ध ॥

Tamil Transliteration
Ulapol Mukaththevan Seyyum Alavinaal
Kannottam Illaadha Kan.

Explanations
श्लोक #५७५
आभूषण है नेत्र का, करुणा का सद्‍भाव ।
उसके बिन जाने उसे, केवल मुख पर घाव ॥

Tamil Transliteration
Kannirku Anikalam Kannottam Aqdhindrel
Punnendru Unarap Patum.

Explanations
श्लोक #५७६
रहने पर भी आँख के, जिसके है नहिं आँख ।
यथा ईख भू में लगी, जिसके भी हैं आँख ॥

Tamil Transliteration
Manno Tiyaindha Maraththanaiyar Kanno
Tiyaindhukan Notaa Thavar.

Explanations
श्लोक #५७७
आँखहीन ही हैं मनुज, यदि न आँख का भाव ।
आँखयुक्त में आँख का, होता भी न अभाव ॥

Tamil Transliteration
Kannottam Illavar Kannilar Kannutaiyaar
Kannottam Inmaiyum Il.

Explanations
श्लोक #५७८
हानि बिना निज धर्म की, करुणा का व्यवहार ।
जो कर सकता है उसे, जग पर है अधिकार ॥

Tamil Transliteration
Karumam Sidhaiyaamal Kannota Vallaarkku
Urimai Utaiththiv Vulaku.

Explanations
श्लोक #५७९
अपनी क्षति भी जो करे, उसपर करुणा-भाव ।
धारण कर, करना क्षमा, नृप का श्रेष्ठ स्वभाव ॥

Tamil Transliteration
Oruththaatrum Panpinaar Kannumkan Notip
Poruththaatrum Panpe Thalai.

Explanations
श्लोक #५८०
देख मिलाते गरल भी, खा जाते वह भोग ।
वाँछनीय दाक्षिण्य के, इच्छुक हैं जो लोग ॥

Tamil Transliteration
Peyakkantum Nanjun Tamaivar Nayaththakka
Naakarikam Ventu Pavar.

Explanations
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