औषध

Verses

श्लोक #९४१
वातादिक जिनको गिना, शास्त्रज्ञों ने तीन ।
बढ़ते घटते दुःख दें, करके रोगाधीन ॥

Tamil Transliteration
Mikinum Kuraiyinum Noiseyyum Noolor
Valimudhalaa Enniya Moondru.

Explanations
श्लोक #९४२
खादित का पचना समझ, फिर दे भोजन-दान ।
तो तन को नहिं चाहिये, कोई औषध-पान ॥

Tamil Transliteration
Marundhena Ventaavaam Yaakkaikku Arundhiyadhu
Atradhu Potri Unin.

Explanations
श्लोक #९४३
जीर्ण हुआ तो खाइये, जान उचित परिमाण ।
देहवान हित है वही, चिरायु का सामान ॥

Tamil Transliteration
Atraal Aravarindhu Unka Aqdhutampu
Petraan Netidhuykkum Aaru.

Explanations
श्लोक #९४४
जीर्ण कुआ यह जान फिर, खूब लगे यदि भूख ।
खाओ जो जो पथ्य हैं, रखते ध्यान अचूक ॥

Tamil Transliteration
Atradhu Arindhu Kataippitiththu Maaralla
Thuykka Thuvarap Pasiththu.

Explanations
श्लोक #९४५
करता पथ्याहार का, संयम से यदि भोग ।
तो होता नहिं जीव को, कोई दुःखद रोग ॥

Tamil Transliteration
Maarupaatu Illaadha Unti Maruththunnin
Oorupaatu Illai Uyirkku.

Explanations
श्लोक #९४६
भला समझ मित भोज का, जीमे तो सुख-वास ।
वैसे टिकता रोग है, अति पेटू के पास ॥

Tamil Transliteration
Izhivarindhu Unpaankan Inpampol Nirkum
Kazhiper Iraiyaankan Noi.

Explanations
श्लोक #९४७
जाठराग्नि की शक्ति का, बिना किये सुविचार ।
यदि खाते हैं अत्याधिक, बढ़ते रोग अपार ॥

Tamil Transliteration
Theeyala Vandrith Theriyaan Peridhunnin
Noyala Vindrip Patum.

Explanations
श्लोक #९४८
ठीक समझ कर रोग क्या, उसका समझ निदान ।
समझ युक्ति फिर शमन का, करना यथा विधान ॥

Tamil Transliteration
Noinaati Noimudhal Naati Adhudhanikkum
Vaainaati Vaaippach Cheyal.

Explanations
श्लोक #९४९
रोगी का वय, रोग का, काल तथा विस्तार ।
सोच समझकर वैद्य को, करना है उपचार ॥

Tamil Transliteration
Utraan Alavum Piniyalavum Kaalamum
Katraan Karudhich Cheyal.

Explanations
श्लोक #९५०
रोगी वैद्य देवा तथा, तीमारदार संग ।
चार तरह के तो रहे, वैद्य शास्त्र के अंग ॥

Tamil Transliteration
Utravan Theerppaan Marundhuzhaich Chelvaanendru
Appaal Naar Kootre Marundhu.

Explanations
🡱