कुलोनता

Verses

श्लोक #९५१
लज्जा, त्रिकरण-एकता, इन दोनों का जोड़ ।
सहज मिले नहिं और में, बस कुलीन को छोड़ ॥

Tamil Transliteration
Irpirandhaar Kanalladhu Illai Iyalpaakach
Cheppamum Naanum Orungu.

Explanations
श्लोक #९५२
सदाचार लज्जा तथा, सच्चाई ये तीन ।
इन सब से विचलित कभी, होते नहीं कुलीन ॥

Tamil Transliteration
Ozhukkamum Vaaimaiyum Naanum Im Moondrum
Izhukkaar Kutippiran Thaar.

Explanations
श्लोक #९५३
सुप्रसन्न मुख प्रिय वचन, निंदा-वर्जन दान ।
सच्चे श्रेष्ठ कुलीन हैं, चारों का संस्थान ॥

Tamil Transliteration
Nakaieekai Insol Ikazhaamai Naankum
Vakaiyenpa Vaaimaik Kutikku.

Explanations
श्लोक #९५४
कोटि कोटि धन ही सही, पायें पुरुष कुलीन ।
तो भी वे करते नहीं, रहे कर्म जो हीन ॥

Tamil Transliteration
Atukkiya Koti Perinum Kutippirandhaar
Kundruva Seydhal Ilar.

Explanations
श्लोक #९५५
हाथ खींचना ही पड़े, यद्यपि हो कर दीन ।
छोडें वे न उदारता, जिनका कुल प्राचीन ॥

Tamil Transliteration
Vazhanguva Thulveezhndhak Kannum Pazhanguti
Panpil Thalaippiridhal Indru.

Explanations
श्लोक #९५६
पालन करते जी रहें, जो निर्मल कुल धर्म ।
यों जो हैं वे ना करें, छल से अनुचित कर्म ॥

Tamil Transliteration
Salampatrich Chaalpila Seyyaarmaa Satra
Kulampatri Vaazhdhum En Paar.

Explanations
श्लोक #९५७
जो जन बडे कुलीन हैं, उन पर लगा कलंक ।
नभ में चन्द्र-कलंक सम, प्रकटित हो अत्तंग ॥

Tamil Transliteration
Kutippirandhaar Kanvilangum Kutram Visumpin
Madhikkan Maruppol Uyarndhu.

Explanations
श्लोक #९५८
रखते सुगुण कुलीन के, जो निकले निःस्नेह ।
उसके कुल के विषय में, होगा ही संदेह ॥

Tamil Transliteration
Nalaththinkan Naarinmai Thondrin Avanaik
Kulaththinkan Aiyap Patum.

Explanations
श्लोक #९५९
अंकुर करता है प्रकट, भू के गुण की बात ।
कुल का गुण, कुल-जात की, वाणी करती ज्ञात ॥

Tamil Transliteration
Nilaththil Kitandhamai Kaalkaattum Kaattum
Kulaththil Pirandhaarvaaich Chol.

Explanations
श्लोक #९६०
जो चाहे अपना भला, पकडे लज्जा-रीत ।
जो चाहे कुल-कानि को, सब से रहे विनीत ॥

Tamil Transliteration
Nalamventin Naanutaimai Ventum Kulam Ventin
Ventuka Yaarkkum Panivu.

Explanations
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