श्लोक - ९९८

श्लोक 998
श्लोक #९९८
विना मैत्रीं विरोधं च कुर्वतां विषयेऽपि य: ।
गुणवान्न प्रवर्तेत् दोषयुक्त: स गण्यते ॥

Tamil Transliteration
Nanpaatraar Aaki Nayamila Seyvaarkkum
Panpaatraar Aadhal Katai.

Sectionभाग–२: अर्थ-काण्ड
Chapter Groupअध्याय 101 to 108
chapterअनुसृत्य प्रवर्तनम्