श्लोक - ९६८
कुलीनत्वं पौरुषं च यदा नाशोन्मुखं भवेत् ।
जीवनं देहरक्षार्थं तदा किं स्वर्गदायकम् ॥
Tamil Transliteration
Marundhomatru Oonompum Vaazhkkai Perundhakaimai
Peetazhiya Vandha Itaththu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | मानम् |