श्लोक - ९२७

श्लोक 927
श्लोक #९२७
सुरां रहसि संसेव्य नष्टप्रज्ञान् मदान्वितान् ।
ग्रामीणा हेतुभिस्तत्त्वमूह्य नूनं हसन्ति हि ॥

Tamil Transliteration
Ullotri Ulloor Nakappatuvar Egngnaandrum
Kallotrik Kansaai Pavar.

Sectionभाग–२: अर्थ-काण्ड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterमद्यपाननिषेध: