श्लोक - ९२४
अतिहेयसुरपानरूपदोषजुषां पुर: ।
लज्जाख्यरमणी स्थातुमशक्ता दूरतो व्रजेत् ॥
Tamil Transliteration
Naanennum Nallaal Purangotukkum Kallennum
Penaap Perungutrath Thaarkku.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | मद्यपाननिषेध: |