श्लोक - ९२३
जनन्या: पुरतो मद्यपानं क्लेशप्रदं यदि ।
पानं महात्मनामग्रे कियदु:खकरं भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Eendraal Mukaththeyum Innaadhaal Enmatruch
Chaandror Mukaththuk Kali.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | मद्यपाननिषेध: |