श्लोक - ९१४
अर्थमात्रैकलक्ष्यणां दासीनां कपटं सुखम् ।
नाद्रियन्ते धर्ममार्गविमर्शनपरा बुधा: ॥
Tamil Transliteration
Porutporulaar Punnalan Thoyaar Arutporul
Aayum Arivi Navar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | पण्याङ्गना |