श्लोक - ९१२
धनलाभानुसरेण ब्रूवतीनां प्रियं वच: ।
स्नेहं निर्गुणदसीनां विमृश्य विसृजेन्नर: ॥
Tamil Transliteration
Payandhookkip Panpuraikkum Panpin Makalir
Nayandhookki Nallaa Vital.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | पण्याङ्गना |