श्लोक - ९१०
ऋजुपूतमनस्कानां श्रेष्ठस्थानमुपेयुषाम् ।
पत्नीदास्यकराज्ञानां सर्वथा न भविष्यति ॥
Tamil Transliteration
Enserndha Nenjath Thitanutaiyaarkku Egngnaandrum
Penserndhaam Pedhaimai Il.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | भार्यानुवर्तनम् |