श्लोक - ९०८
भार्यावचनकर्ता तु स्वमित्रेभ्योऽपि कांक्षितम् ।
न स्यात्पूरयिंतु शक्त: कुर्याद्धर्मान् न शाश्वतान् ॥
Tamil Transliteration
Nattaar Kuraimutiyaar Nandraatraar Nannudhalaal
Pettaangu Ozhuku Pavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | भार्यानुवर्तनम् |