श्लोक - ८९०

श्लोक 890
श्लोक #८९०
लोके भिन्नमनस्तत्त्वैर्मानवैस्सह जीवनम् ।
एकत्रैव गृहे सर्पै: सहवाससमं भवेत् ॥

Tamil Transliteration
Utampaatu Ilaadhavar Vaazhkkai Kutangarul
Paampotu Utanurain Thatru.

Sectionभाग–२: अर्थ-काण्ड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterआन्तरवैरम्