श्लोक - ८६६
स्वपरज्ञानविध्वंसकारणक्रोधसंयुत: ।
विजृम्भत्कामनिचयुक्त: क्षीयेत् सत्वरम् ॥
Tamil Transliteration
Kaanaach Chinaththaan Kazhiperung Kaamaththaan
Penaamai Penap Patum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | शत्रुनिर्णय: |