श्लोक - ८५७
भेदज्ञानाख्यदुर्बुद्धिसमेता जयदायकान् ।
नीतिशास्त्रोक्ततत्त्वार्थान् ज्ञातुं न प्रभवन्ति ते ॥
Tamil Transliteration
Mikalmeval Meypporul Kaanaar Ikalmeval
Innaa Arivi Navar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | भेदबुद्ध: |