श्लोक - ८१८
सुसाध्यकार्ये दुस्साध्यमिव य: सुहृदाचरेत् ।
तेन साकं स्थितां मैत्रीमनुत्तवैव परित्यज ॥
Tamil Transliteration
Ollum Karumam Utatru Pavarkenmai
Sollaataar Sora Vital.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | निर्गुणजनमैत्री |