श्लोक - ७८५
मैत्र्या: परिचयो हेतु: नापि सेशैकवर्तिता।
उभयोर्भावसाम्यं तु मैत्रीमुत्पादयेत् तयो: ॥
Tamil Transliteration
Punarchchi Pazhakudhal Ventaa Unarchchidhaan
Natpaang Kizhamai Tharum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | स्नेह: |